भगवान् के वरदान स्वरुप श्री वासुराम मनकटालय ने लोगों व समाज के प्रति सेवाभाव रखते हुए लोगों की हड्डी चढ़ाना जैसे दर्द निवारक कार्यो में सलंग्न रहे। साथ ही मंदिर के प्रति भी अपार श्रद्धा उनके हृदय में बसी हुई थी। इनकी पत्नी श्रीमती चंद्रवाल बाई जी ने इनकी याद में लक्ष्मी नारायण मंदिर, राम दरबार मंदिर, तथा राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण व मूर्ति स्थापना कराई। वे चिरकाल तक नतमस्तक होकर भगवान के चरणों में वंदना करने के इच्छुक थे। माननीय सभासदों ने उनकी इस प्रभुप्रेम में लिप्त इच्छा का मान रखते हुए मंदिर में भगवान के चरणों के सामने मरणोपरांत भी श्री वासुराम मनकटालय जी की मूर्ति को स्थापित किया जो एक सराहनीय कार्य है।