मंदिर हाल

मंदिर हाल 

  कला, संस्कृति की भव्यता का अदभुत नमूना है।  पुरे हाल को अनूठी व् नायाब कलात्मकता बक्शी है। दीवारों पर की गयी नक्काशी अतुलनीय है।  ये धार्मिक कलाकृतियां युवाओं को नैतिकता व् सामंजस्य का सन्देश देती हैं। जो हाल का आकर्षण केंद्र है।

इस भव्य हाल में १२ महीने प्रांत: व् सायं कथा चलती है। मास मैं दो बार प्रसिद्ध संत गुरुओं के प्रवचनों के माध्यम से जीवन की सार्थकता बनाये रखने का मार्ग प्रशस्त होता है। 

रसमपगडी क्रिया की  वयवस्था के साथ साथ भोजन के इंतजाम के लिए हवादार रसोई का प्रबन्द है।