दक्षिण मुखी हनुमान की पूजा का विशेष महत्व है। दक्षिण दिशा काल यानी यमराज की दिशा मानी जाती है। हनुमान जी शिव जी के रुद्रावतार माने जाते है। जो काल के नियंत्रक है। इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान हनुमान की पूजा अर्चना करने से मृत्यु के भय से मुक्त हो जाते है। दक्षिण मुखी हनुमान जी की कुटी / मंदिर के दर्शन मात्र से मानव के अंदर आध्यात्मिक चेतना व शक्ति का संचार हो जाता है। यहाँ सच्चे मन से श्रद्धालु प्रार्थना कर संकट से मुक्त हो जाते है।
नवीनीकरण:-
मंदिर के अलौकिक प्रांगण में दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर का नवीनीकरण माननीय प्रधान श्री सुनील चावला जी के नेतृत्व में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तोरpar ए. डी. सी. डॉ. प्रियंका सोनी दहिया ने शिरकत की। श्री हरिचंद भारती व भारती परिवार (भारती डायरी, करनाल) द्वारा ध्वजारोहण किया गया। दक्षिणा मुखी हनुमान की पूजा कर श्रद्धालु मृत्यु भय और चिंताओं से मुक्त हुए। सुन्दर काण्ड के पाठ से मंदिर प्रांगण भक्तिमय हुआ। प्रसाद वितरण और भंडारे के साथ समापन कर, मंदिर के कपाट श्रधालुओ के लिए खोल दिए गए।
विशेषाकर्षण:-
हर मंगलवार हनुमान मंदिर में बालाजी समिति की और से आरती, लड्डू का भोग व् लंगर का प्रबंध होता है।