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मंदिर का इतिहास

स्वतंत्रता की चिर प्रतीक्षित ख़ुशी देश के विभाजन का कालकूट अपने आँचल में समेटे आई तो पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दुओ का एक हुजूम भारत में आया।  उनमे से कुछ सहदय परिवारों ने करनाल शहर में शरण ली।  अपनी मेहनत व लगन के बल पर खुद को कामयाब बनाया।  श्री गणेश दास चावला जी, श्री पिशोरी लाल मारवाह जी,   श्री गंगा राम बत्रा जी, श्री ख़ुशी राम मेहंदीरत्ता जी, श्री ख़ुशी राम जावा जी, श्री संत लाल चावला जी, श्री मूल चंद माटा जी, श्री टेक चंद सहगल जी, श्री रामजी दास विज जी इन सभी मेहनतकश हस्तियों ने जाने माने व्यापारियों की श्रेणी में खुद का नाम दर्ज करवाया।

इन श्रद्धावान व सह्दय लोगो ने सनातन  संस्कृति को दानवीर राजा करण  की इस पावन धरा पर स्थापित करने की ठानी। कुछ गणमान्य सदस्यों श्री गिरधारी लाल चावला जी, श्री ज्ञानचंद गिरधर जी, श्री भगवान दास गिरधर जी, श्री शिवदयाल मुटरेजा जी, श्री ज्ञानचंद चावला जी, श्री रामजीदास बत्रा जी, श्री सोमनाथ खेड़ा जी, जो कामयाबी के शिखर पर थे।   श्री ख़ुशी राम मेहंदीरत्ता जी के साथ मिलकर सभी सदस्यों ने अपनी श्रद्धानुसार मंदिर की ज़मीन व निर्माण हेतु दान दिया।

आज का विचार.. 

प्रभु जी, गुरूदेव हो आप, ईष्ट देव हो आप, आराध्य देव हो आप, परम ज्ञान हो आप, ज्ञान को आचरण से प्रगट करने वाली ईश्वरीय शक्ति हो आप। (ॐ नमः शिवाय)

मंदिर समय सारणी:-

गर्मियों का समय:-
मंदिर खुलने का समय:- प्रातः 5 बजे से 11 बजे तक, सायं 4:30 से 9 बजे तक
प्रातः आरती का समय : 5:30 बजे
सायं आरती का समय : 7:15 बजे

सर्दियों का समय :-
मंदिर खुलने का समय:- प्रातः 6 बजे से 11.30 बजे तक,सायं 4 बजे से 9 बजे तक
प्रातः आरती का समय : 6 बजे

सायं आरती का समय : 6 बजे